कहते हैं खुदा बहुत दिलदार होता है, पर वो हमेशा नहीं तुम्हारी मानता, वही तो एक है जो, तुम्हारी काबिलियत पहचानता इसलिए कहते हैं खुदासे वही मांगो, जो तुम खुद नहीं पा सकते, वो सब को आजमाता है, दिखा के अलग अलग रास्ते तो मैंने भी एक दिन ठाना, के अब से कुछ नहीं मांगेंगे, अरे उस बनाने वाले को भी तो पता चले, हमारे तेवर अब ऐसे ही रहेंगे पर मैं नहीं समझ पाया खेल उसका, एक खूबसुरत मुश्किल वो मुझे दे गया, मैं समझ ना पाया कुछ भी, और मेरा सब उसका हो गया पर ज़िद तो ज़िद होती है, ऐसे कैसे छोड दें, एक हसीना को पाने के लीये, अपनी खुद्दारी थोडी बेच दे तो बुलाया हमने उस खुदा को, हमारी चौखट पर एक दिन, और पुछा उससे के क्या लोगे, हमारी मुश्किल कैसे छुडाओगे? वो बोला, 'इतना गुरुर है तो दिल को समझा दे, उसकी कीमत अदा करने की तेरी औकात नहीं, थोड़ा आईना देख लेना मेरे दोस्त, दूर दूर तक, तू उसके कबिल नहीं पहली बार थोड़ा खुद से नाराज हुआ, एक पल के लीये ही सही, गम का एहसास हुआ, आखिरी बार उसकी हंसी को याद किया, इस सबक को साथ लेके, फि...